ध्यान करना चाहते हो तो ये पहले जान लो !!-meditation kaise kare ?

Meditation in Hindi meaning-ध्यान क्या है ?

आज कल ध्यान शब्द बहुत ही चर्चित है. ध्यान के लिय बहुत सारे online meditation class भी उपलब्ध है. हमे पहले ध्यान का अर्थ समजते है फिर वह कैसे करना है और उनसे हमे क्या लाभ मिलते है वह जानेगे.

Meditation hindi meaning, what meditation is,ध्यान मतलब मन को कोई एक बिंदु, सोच, object पर केन्द्रित करना. एकाग्र होना. लेकिन ये सामान्य अर्थ है. दूसरा उनका अर्थ है मन से उपर उठना. ये दोनों अर्थो के अनुरूप अलग अलग पध्धति हमे शिखाई जाती है.

ये पध्धति हमे मन की निरंतर सोच से मुक्ति दिला शक्ती है. इतना ही नही हमे एक आनंद, प्रसन्नता और चेतना से भर शकती है. हमारी दिन भर की थकान दूर कर देती है.


ध्यान की आव्य्श्कता आज क्यों आन पड़ी-necessity of meditation.

आज का जीवन स्ट्रेस का हो गया है. ज्यादा स्ट्रेस अवसाद को जन्म देता है. depression से कई सारे रोग होते है. बीपी, अपचा, heart disease, अनिद्रा, पाचन शक्ति में कटोती जैसे रोगों की जननी है, ये stress and depression. मन को निरंतर कोई न कोई सोच में रखना. इनसे आगे वह सोच संघर्ष पैदा करती हो. मतलब की दो सोच का टकराव !! bad feelings को पैदा करने वाली सोच. mind का एक घेरे में घिर जाना और बाद में उनसे बहार न निकलना और भीतर डूबता जाना. ये सब हमारी कभी न रुकने वाली सोच से होता है. यह सोच धीरे धीरे अचेतन मन पर भी effect करने लगती है.

ध्यान की अलग अलग पध्ध्तिया – Meditation techniques for beginners-ध्यान तकनीक क्या है ?-ध्यान कैसे करे ?

बहुत ही स्वभाविक है की ध्यान का अर्थ “कोई एक सोच पर केन्द्रित हो“. या हम सभी सोच से उपर उठे !! दो प्रकार का ध्यान हो गया. प्रथम ध्यान ऐसा है की आप कोई एक object की कल्पना करे और धीरे धीरे एकदम आनंद से उसमे एकाकार होते जाये. मतलब की दूसरा कुछ न सोचे केवल उनपर ध्यान दे. दूसरा ख्याल अगर दिमाग में आये तो भी उनसे एकरूप न हो. फिर से मन को वापस लाये और उन्ही विषय में लगा दे.

आती जाती सासों पर ध्यान रखे और धीरे धीरे उनसे भी पर हो जाये

दूसरी बात है आप अपनी आती जाती सांसो पर ध्यान केन्द्रित करे और जो भी अलग अलग भावनाऐ उत्पन्न हो या सोच उभरे उसमे एकरूप न हो. इस तरह से आप उनसे उपर उठ शकेगे. आपको अपने आप में रहना है. लेकिन कोई भी सोच के साथ एकरूप नही होना. मतलब की जुड़ना नही है. क्योकि सोच के साथ कुछ न कुछ भावनाए जुडी हुई होती है. अगर आप विपरीत भावना में उलझ गये तो फिर से आपका ध्यान टूट जायेगा.

यहा फंडा यह है की जैसे ही आप अपने मन से थोडा अलग हो कर अपने आप के बारेमे सोचेगे की तुरंत ही सारे विचार गायब हो जायेगे.

निरंतर ध्यान में कैसे रहे ? -Mindfulness yoga meaning in hindi

इस प्रकार ध्यान आप निरंतर भी कर शकते है. आप दिनभर जो कोई भी क्रिया करे उसे सहज तरीके से करते जाइये बस बार बार उनका मूल्याकन(judge) न करे. उनकी तुलना भी न करे अपने आप में रहकर आनंद में रहकर कर्म करते रहिये. मनमें चलते उल्टे पुल्टे विचारो से दूर रहिये !! उनके साथ सम्मलित न हो जाये.

थोडा छोड़ दिजिए..होता है ये तो होता रहेगा..मुजे क्यों टेंशन लेना..सभी के साथ होता है मेरे साथ होता है उसमे नया क्या है.

अपने अस्तित्व को जोड़े नही. अपने चेतना में रहिये होश में रहिये. अपने पन का जो भाव है उसे भूले नही मतलब की जो कोई भी क्रिया है उनके विपरीत विचारो से एकाकार न होइए . इस तरह से आप धीरे धीरे उनसे भी उपर उठते जायेगे. जैसे ही आप उपर उठेगे की तुरंत ये सोच कमजोर होती जाएगी. ये हुवा ध्यान. meditation.

शुरू शुरू में आपको एक स्थान पर बैठके ध्यान करना है. सुबह थोडा early morning उठकर शांत जगह पर बैठ जाये. आप पालथी मारकर बैठ शकते है. इनसे आप को बहुत लाभ होगा क्योकि इस तरह से बैठने से उर्जा का उदर्वगमन होता है. रीड की हड्डी सीधी रहती है इसलिए उर्जा उनके माध्यम से वहन होती है.

अब आप हाथो को जोड़कर रखे या ध्यान मुद्रा में रखे. फिर आखे मुंद ले धीरे धीरे शांत होते जाये और एक ही विषय पर अपना ध्यान लगाईये. ऐसा न हो पाए तो आती जाती सांसो पर ध्यान केन्द्रित करे. इस तरह से आप ध्यान में उतरते जायेगे.

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